धन का महत्व : धन का जहाँ जीवन के भौतिक विकास में महत्वपूर्ण उपयोग है वहाँ आध्यात्मिक जीवन में भी एक भारी उपयोग है कि वह मनुष्य की वास्तविकता को परखकर रख देता है। लोभ को पाप का फल माना गया है। अनीति की कमाई किसी भी मनुष्य के लिए घृणित एवं पतित होने का सबसे बड़ा प्रमाण हो सकता है |
धर्मात्मा की प्रथम परीक्षा यह है कि वह परिश्रम की कमाई पर संतोष करे, धन का सदुपयोग करे, और जो बचे उसे जनकल्याण के लिए लगाता रह कर स्वयं अपरिग्रही बना रहे।
TV Show : | Devo Ke Dev Mahadev (2011) |
Music Composer : | Sajan Rajan Mishra |
Genre : | Religious |
Director : | Nikhil Sinha, Manish Singh |
Music Director(s): | Sandeep Mukherjee, Karthik Raja, Bawra Bros, Sajan Mishra, Rajan Mishra |
Cinematography : | Deepak Garg and Amit Malvia |
Original network : | Life OK |
Staring : | Mohit Raina, Pooja Bose, Sonarika Bhadoria, Mouni Roy, Rushiraj Pawar, Kumar Hegde |
Producer : | Anirudh Pathak,Nikhil Sinha |
Release Date : | 18th December 2011 |
Table of Contents
Importance of Money Shiv Gyan | Devo ke dev Mahadev | धन का महत्व
धन का महत्व तभी है जब वह नीतिपूर्वक कमाया गया हो और सदुद्देश्यों के लिए उचित मात्रा में खर्च किया गया हो। अनीति से कमाया तो जा सकता है, पर जिन लोगों के द्वारा वह कमाया गया है, जिनका शोषण हुआ है उनका विक्षोभ सारी मानव-सभ्यता के लिए घातक परिणाम उत्पन्न करता है।
धन का महत्व समझने के हम एक उदाहरण देखते हे
एक लड़का था जो अपने माता पिता के साथ एक गाव में रहता था वह लड़का पढने लिखने में तेज था लेकिन उसके दोस्तों की सोच थी की यदि वे पढ़लिखकर कोई नौकरी प्राप्त कर ले तो उनका जीवन सुखमय हो जाएगा और इस दुनिया की कोई भी वे सुख अपने धन दौलत से खरीद सकते है लेकिन वह लड़का अक्सर उनके बातो से सहमत नही होता था और जिसके कारण उसके मन में अनेक विचार आते रहते थे
इसी बात का जिक्र उस लड़के ने अपने पिताजी से किया | कहा की पिताजी क्या अगर हमारे पास ढेर सारा धन हो जाए तो क्या हम दुनिया के सबसे ख़ुशी इन्सान हो सकते है ?
तब उस लड़के के पिताजी ने अपने बगीचे के लिए आम का एक नन्हा सा पौधा लाये और फिर अपने बेटे के साथ अपने बगीचे में उसे लगाने जाते है फिर अपने बेटे के साथ मिलकर उस आम के पौधे को जमीन में लगा देते है
तो इसके बाद उस लड़के के पिताजी कहते है की देखो बेटा तुमने पूछा था की क्या धन से ही सारे सुख प्राप्त किया जा सकता है तो इस आम के पेड़ को देखो और सोचो की क्या हमने इसे बेकार में ही लगा दिया है क्यूकी इस पौधे को पेड़ बनने में काफी समय लगेगा और फिर इस पर फल आने में भी वक्त लगेगा और हो सकता है की इसके फल हमे खाने को मिले या ना मिले इससे हम सभी यही सोचते है की यह समय की बर्बादी है
तो ठीक है तुम जरा सोचो अगर सब लोग यही सोचने लगे की भला हम क्यू पेड़ लगाये अगर हमे फल खाना ही है तो हम अपने पैसो से बाजार से फल खरीदकर खा सकते है जो की बिना समय गवाए तुंरत मिल जाता है
तो सोचो जब सबका यही सोच होगा की धन से सबकुछ ख़रीदा जा सकता है ऐसे में कोई भी इन पेड़ो को नही लगाएगा तो एक दिन ऐसा भी आएगा की इस धरती पर सबके पास तो खूब धन दौलत तो सकता है लेकिन जब फल देने वाले पेड़ पौधे नही होंगे तो सोचो भला इन पैसो का क्या मोल जब इनसे खाने के लिए भोजन और फल आदि न मिले तो सबसे पहले हम सभी को अपनी सोच बदलनी चाहिए
अपने पिता से यह सब बाते सुनकर उस लड़के को समझ में आ गया था की हम सब तो यही सोचते है की चलो अगर सब ढेर सारा धन कमा भी ले तो धन का कोई मोल नही होता जब तक इस धन की कोई कीमत ही न हो
निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि धन का महत्व वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके |
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