Cyclone Okhi | क्या है ओखी चक्रवात | ओखी नाम कहा से आया

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क्या है ओखी चक्रवात एवं कैसे चुना जाता है नाम | Cyclone Ockhi information in hindi

Cyclone Okhi


क्यों रखा जाता है चक्रवातों का नाम?

हरीकेन रिसर्च डिविजन के मुताबिक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम पूर्वनुमानियों के बीच आसानी से बात हो सके, इसलिए दिया जाता है। आम जनता को इनके बारे में भविष्यवाणी और चेतावनियां समझ आएं इसलिए चक्रवातों का नाम देना जरूरी हो जाता है। 2015 के मेघ चक्रवात के बाद अरब सागर में मौजूद सबसे तीव्र हैं।

अगर ‘ओखी’ शब्द की बात करें, तो इस शब्द का मतलब आंख होता है और इस तूफान का ये नाम बांग्लादेश द्वारा दिए गए नामों में से है.

उत्तर हिंद महासागर का सबसे तेज़ तूफान, ओखी 29 नवंबर २०१७ को श्रीलंका के पास अशान्त मौसम के क्षेत्र से उत्पन्न हुआ हैं आखिर क्या है ये ओखी तूफान, इसके बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं.

20 नवंबर 2017 को उष्णकटिबंधीय तूफान की शेष ऊर्जा से थाईलैंड की खाड़ी के ऊपर एक नए निम्न दबाव वाले क्षेत्र का निर्माण होने लगा था । यह प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बंगाल की खाड़ी में चली गई लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण तूफान सदृण नहीं हो पाया।

29 नवंबर 2017 को इस तूफानने श्रीलंका के दक्षिण-पूर्वी तट से सदृण होना चालु हो गया था और आईएमडी ने तूफान को पहचानके रूप में BOB 07 नाम दिया। इसकी बढ़ती ताकत के कारण आईएमडी ने जल्द ही इसे ओखी चक्रवर्ती तूफान का नाम दे दिया। तूफान भारत में स्थित एक उपोष्णकटिबंधीय रिज की दक्षिणी परिधि के आसपास पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर चलने लगा।

1 दिसंबर 2017 को यह तूफान पश्चिम की ओर बढ़ते हुए एक तीव्र चक्रवात तूफान में बदल गया था। जैसे ही ओखी अरब सागर में आगे बढ़ता गया यह 31 डिग्री सेल्सियस (89 डिग्री फ़ारेनहाइट) समुद्री सतह के तापमान और कम हवा के दबाव के साथ घूम रहा था | और ये तूफान 5 दिसंबर तक सक्रीय रहा 

क्या है ओखी चक्रवात (What is Cyclone Ockhi) 

उत्तर हिंद महासागर के खतरनाक तूफानों में से एक ये तूफान(ओखी) है ,यह तूफ़ान इस साल नवंबर में श्रीलंका देश में हुई मौसम की खराबी के चलते यहां के दक्षिणी तट से उत्पन्न हुआ था | सबसे पहले श्रीलंका में अपना आतंक मचाया था | बाद में ये धीरे-धीरे भारत के तटीय राज्यों तक पहुंच गया था | वहीं इस तूफान की गति को देखकर भारत के मौसम विभाग के मुताबिक ये तूफान भारत के गुजरात राज्य तक अपना कहर बरसाने वाला था |

कैसे शुरू हुई नाम रखने की परंपरा?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (ESCAP) ने उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम रखना साल 2000 में शुरू किया था। दुनियाभर के चक्रवातों का नाम 9 क्षेत्रों- उत्तरी अटलांटिक, पूर्वी-उत्तर प्रशांत, मध्य-उत्तर प्रशांत, पश्चिमी-उत्तरी प्रशांत, उत्तरी हिंद महासागर, दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर, ऑस्ट्रेलियाई, दक्षिणी प्रशांत, दक्षिण अटलांटिक द्वारा दिया जाता है।

इतना ही नहीं जिन तूफानों के कारण ज्यादा जानमाल का नुकसान होता है. उन तूफानों के नामों को उस तूफान में मारे गए लोगों के सम्मान में रिटायर कर दिया जाता है. अभी तक ऐसे 50 से अधिक चक्रवात के नामों को रिटायर किया गया है.