Tantroktam Devisuktam | या देवी सर्व भूतेषु -Devi Stuti | Devi shuktam

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Tantroktam Devisuktam | या देवी सर्व भूतेषु -Devi Stuti

Tantroktam Devisuktam : यह स्तोत्र “या देवी सर्व भूतेषु” देवताओं द्वारा देवी भगवती को प्रसन्न करने के लिये गाया गया था. यह सूक्त देवी माहात्म्य के अन्तर्गत दिया गया है. तन्त्रोक्त देवी सूक्त इस प्रकार है | तंत्रोक्त देवी सूक्त का हिंदी अर्थ अर्थ गीताप्रेस गोरखपुर के द्वारा प्रकाशित दुर्गा सप्तशती से लिया गया है

Devi Suktam with Sanskrit Lyrics – या देवी सर्व भूतेषु With Lyrics

स्वर / Singerजॉली दास, रोहित शास्त्री (Jolly Das, Rohit Shastri)
धारावाहिक / Serialमहाकाली – अंत ही आरंभ है (Mahakali – Anth Hi Aarambh Hai)
निर्देशक / Directorसिद्धार्थ कुमार तिवारी (Siddharth kumar Tewary)
शैली / Genreपौराणिक कथा (Mythology)
मूल प्रसारण / Original release22 जुलाई 2017 – 5 अगस्त 2018 (22 July 2017 – 5 August 2018)
लेखक / Written byविनोद शर्मा (Vinod Sharma)
Productionस्वास्तिक प्रोडक्शंस (Swastik Productions)
कलाकार / Castपूजा शर्मा, सौरभ राज जैन (Pooja Sharma, Saurabh Raj Jain)
निर्माता / Producersराहुल कुमार तिवारी, गायत्री गिल तिवारी (Rahul Kumar Tewary,
Gayatri Gill Tewary)
सृजनात्मक निर्देशक / Creative directorनितिन मथुरा गुप्ता (Nitin Mathura Gupta)
मूल भाषा / languageहिंदी (Hindi)

Tantroktam Devisuktam : Ya Devi Sarvabhuteshu in Hindi

नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्म ताम ।।

हिंदी में अर्थ : देवी को नमस्कार है, महादेवी शिवा को सर्वदा नमस्कार है। प्रकृति एवं भद्रा को प्रणाम है। जगदम्बा को नियमपूर्वक नमस्कार है

रौद्रायै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नम:
ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नम: ।।

हिंदी में अर्थ : रौद्रा को नमस्कार है, नित्या, गौरी एवं धात्री को बारम्बार नमस्कार है। ज्योत्स्नामयी, चन्द्ररूपिणी एवं सुखस्वरूपा देवी को सतत प्रणाम है।

कल्याण्यै प्रणतां वृध्द्यै सिद्ध्यै कुर्मो नमो नम:
नैर्ऋत्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : शरणागतों का कल्याण करने वाली वृद्धि एवं सिद्धिरूपा देवी को बारम्बार नमस्कार है। नैऋती (राक्षसों की लक्ष्मी) राजाओं की लक्ष्मी तथा शर्वाणी (शिवपत्नी) -स्वरूपा आप जगदम्बा को बारम्बार नमस्कार है।

दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रायै सततं नम: ।।

हिंदी में अर्थ : दुर्गा, दुर्गपारा (दुर्गम संकट से बाहर निकलने वाली), सारा (सबकी आधारभूता), सर्वकारिणी, ख्याति, कृष्णा और धूम्रादेवी को सर्वदा नमस्कार है।

या देवी सर्व भूतेषु – Ya Devi Sarvabhuteshu Lyrics

अति सौम्याति-रौद्रायै नतास्तस्यै नमो नम:
नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्य नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : अत्यंत सौम्य तथा अत्यंत रौद्र रूपा देवी को [मैं] नमस्कार करता हूँ, उन्हें हमारा बारम्बार प्रणाम है, जगत की आधारभूता कृति देवी को बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में विष्णुमाया के रूप में कही जाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

जो देवी सभी प्राणियों में चेतना कहलाती हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में बुद्धि रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में निद्रा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में क्षुधा (भूख ) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में छाया रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में तृष्णा (प्यास) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में क्षान्ति (क्षमा) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है।

या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में जाति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में लज्जा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में शान्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में श्रद्धा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में शांति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में लक्ष्मी रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में वृत्ति (स्वभाव) रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में स्मृति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में दया रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में तुष्टि रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में माता रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी सभी प्राणियों में भ्रान्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

इन्द्रियाणा-मधिप्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या
भूतेषु सततं तस्यै वियाप्तिदेव्यै नमो नम:

हिंदी में अर्थ : जो जीवों के इन्द्रिय वर्ग की अधिष्ठात्री देवी एवं सब प्राणियों में सदा व्याप्त रहने वाली हैं, उन व्याप्ति देवी को बारम्बार नमस्कार है

चितिरूपेण या कृत्स्न-मेतद्-व्याप्य स्थिता जगत्
नमस्तस्यै नमस्तस्यैनमस्तस्यै नमो नम: ।।

हिंदी में अर्थ : जो देवी चैतन्य रूप से सम्पूर्ण जगत को व्याप्त करके स्थित हैं, उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारम्बार नमस्कार है

स्तुता सुरै: पूर्वमभीष्ट-संश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविका
करोतु सा न: शुभहेतुरीश्र्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।।

हिंदी में अर्थ : पूर्वकाल में अपने अभीष्ट की प्राप्ति होने से देवताओं ने जिनकी स्तुति की तथा देवराज इंद्र ने बहुत दिनों तक जिनका सेवन किया, वह कल्याण की साधनभूता ईश्वरी हमारा कल्याण और मंगल करे तथा सभी आपत्तियों का सर्वनाश करें।

या साम्प्रतं चोध्दत-दैत्य-तापितैरस्माभिरीशा च सुरैर्नमस्यते
या च स्मृता तत्क्षणमेव हन्ति न:सर्वापदो भक्ति-विनम्र-मूर्तिभि:।।

हिंदी में अर्थ : उद्दंड दैत्यों से सताये हुए हम सभी जिन परमेश्वरी को इस समय नमस्कार करते हैंतथा जो भक्ति से विनम्र पुरुषों द्वारा स्मरण की जाने पर तत्काल ही सम्पूर्ण विपत्तियों का नाश कर देती हैं, वे जगदम्बा हमारा संकट दूर करें।

Ya Devi Sarvabhuteshu – Devi Suktam with sanskrit lyrics | या देवी सर्व भूतेषु

YouTube Video: Ya Devi Sarvabhuteshu

Tantroktam Devisuktam Lyrics in Sanskrit and Hindi – the meaning of Tantroktam Devi Suktam या देवी सर्व भूतेषु

  • पूजा शर्मा : देवी महाकाली, पार्वती के किरदार में
  • सौरभ राज जैन : भगवान शिव, महाकाल, वीरभद्र , भैरव के किरदार में
  • कानन मल्होत्रा : भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण के किरदार में
  • निकिता शर्मा : देवी लक्ष्मी के किरदार में
  • मेघन जाधव : भगवान कार्तिकेय के किरदार में
  • कृष चौहान : भगवान श्री गणेश के किरदार में
  • अभिषेक अवस्थी : नंदी के किरदार में
  • मनीष बिशला : देव-राज इंद्र के किरदार में
  • देबिना बनर्जी और रिंपी दास : देवी गंगा के किरदार में
  • फलक नाज़ : देवी सरस्वती के किरदार में

तन्त्रोक्तं देविसुक्तम के फायदे – Benefits of Tantroktam Devisuktam

“तन्त्रोक्तं देविसुक्तम” माँ दुर्गा को समर्पित एक पवित्र स्त्रोत है। यह प्राचीन वैदिक ग्रंथों का एक हिस्सा है और देवी के आशीर्वाद और कृपा का आह्वान करने के लिए इसका जाप किया जाता है।

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माना जाता है कि तंत्रोक्तम देवी सूक्त (Tantroktam Devisuktam) का जाप या पाठ करने से कई लाभ मिलते हैं:

  • इस स्तोत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करने से देवी की कृपा और आशीर्वाद का आह्वान किया जा सकता है।
  • कहा जाता है कि तन्त्रोक्तं देविसुक्तम का जाप व्यक्ति के जीवन से बाधाओं और चुनौतियों को दूर करता है। यह सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों कठिनाइयों पर काबू पाने में मदद करता है |
  • तन्त्रोक्तं देविसुक्तम (Tantroktam Devisuktam) देवी माँ के प्रति भक्ति, विश्वास और समर्पण पैदा करता है। यह परमात्मा के साथ व्यक्ति के संबंध को गहरा करने में मदद करता है
  • माना जाता है कि तन्त्रोक्तं देविसुक्तम का पाठ सकारात्मक ऊर्जाओं का आह्वान करता है।
  • तन्त्रोक्तं देविसुक्तम मन को शांत करता है, दिल को सुकून देता है और आंतरिक शांति और सद्भाव लाता है। यह तनाव, चिंता को कम कर सकता है

निष्कर्ष :

दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “Tantroktam Devisuktam – Devi shuktam” या देवी सर्व भूतेषु लिरिक्स वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके |

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