How to control Anger : एक नगर में एक सेठ रहता था वह बहुत ही दयालु था उनकी एक दुकान थी और वह बड़ी ही ईमानदारी से दुकान भी चलता था | एक दिन सुबह सुबह सेठजी और उनकी पत्नी के बीच छोटीसी बाँट में झगड़ा हो गया | दुकान आकर सेठजी का गुस्सा शांत तो हो गया था किन्तु मन में वही सुबह वाली बात चल रही थी और सोच रहे थे की छोटी छोटी बांटो में झगड़ा क्यों होता हे ?
कहानी : | क्रोध को शांत करने के उपाय |
शैली : | आध्यात्मिक कहानी |
सूत्र : | पुराण |
मूल भाषा : | हिंदी |
कहानी से सीख : | मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन क्रोध है जो क्रोधाग्नि से स्वयं भी जलता है और दूसरों को भी जलाता है |
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क्रोध को शांत करने के उपाय – How to control Anger in Hindi
और इतने में ही एक संत महात्मा दुकान के पास आये और उससे कुछ चावल की याचना की सेठजी बड़े ही दयालु थे इसीलिए सेठजी ने दान देने के लिए चावल की बोरी में से एक कटोरा भर कर चावल निकाला और संत महात्मा के पास आकर उनको चावल दे दिया l संत महात्मा ने सेठ जी को बहुत आशीर्वाद और दुआएं दी l सेठजी ने 🙏🙏हाथ जोड़कर बड़े ही विनम्र भाव से कहा,हे महात्मा! आपको मेरा प्रणाम🙏🙏 ।”
“मैं आपसे अपने मन में उठी शंका का समाधान चाहता हूँ |” महात्मा जी ने भी प्यार से कहा,”कहो वत्स! क्या शंका है?’ सेठ जी ने पूछा,”लोग आपस में लड़ते क्यों है?”
संत महात्मा जी ने बहुत ही शांत स्वभाव और मधुर वाणी में कहा…. “सेठ! मै तुम्हारे पास भिक्षा लेने के लिए आया हूँ तुम्हारे इस प्रकार के मूर्खता पूर्वक सवालो के जवाब देने नहीं आया हूँ |
महात्मा जी का यह जवाब सुनकर सेठ जी को तुरंत गुस्सा आ गया और सोचने लगे कैसा घमंडी और असभ्य संत है ? एक तरफ मैंने इनको दान दिया और ये मुझे ही इस प्रकार की बात बोल रहे है इनकी इतनी हिम्मत। और वह सेठ काफी देर तक उस संत को खरी खोटी सुनाते रहे। सेठ जी अपने मन की पूरी भड़ास निकाल कर ही कुछ शांत हुए।
गुस्से को शांत करने के उपाय – Krodh Ko Shant Karne Ke Upay
अब संत महात्मा जी बड़े ही शांत और स्थिर भाव से बोले,”जैसे ही मैंने कुछ बोला आपको गुस्सा आ गया और आप गुस्से से भर गए और लगे जोर जोर से बोलने और चिल्लाने।” “वास्तव में केवल गुस्सा ही सभी झगडे का मूल होता है यदि हम अपने गुस्से पर काबू रख सके या सीख जाये तो दुनिया में कभी झगड़े होंगे ही नहीं!!!”इसलिए अगली बार जब भी आपको गुस्सा आए, खुद को शांत रखने का प्रयास करें.
दोस्तों भगवान् श्रीकृष्णने भगवदगीता में कहा हे की क्रोध से उत्पन्न होता है मोह और मोह से स्मृति विभ्रम। स्मृति के भ्रमित होने पर बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि के नाश होने से मनुष्य का पतन हो जाता है दोस्तों मनुष्य के पतन का मुख कारण भी क्रोध ही हे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन क्रोध है जो क्रोधाग्नि से स्वयं भी जलता है और दूसरों को भी जलाता है
दोस्तों एक और बाँट क्रोध को आधात्म ज्ञान की समझ से ही कम कर सकते है बाकी इसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं है
इसीलिए हमे भी अपने जीवन में क्रोध को शांत रखने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए अगर आपको क्रोध आये तो कुछ देर शांत हो जाइये
How to control Anger in Hindi Story – क्रोध को शांत करने के उपाय
How to control Anger : YouTube Video
अंतिम बात :
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