Mahabharat Kahani Karn Ki – Kan kan me karna hai Song Lyrics in Hindi from Mahabharat (2013) TV serial of Star Plus. Music composed by Ajay Gogavale and Atul Gogavale. Mahabharat song from Mahabharat 2013 historical Indian television series based on the ancient Sanskrit epic Mahabharat and telecast on StarPlus
Kahani Karn Ki – कहानी कर्ण की : इस कविता में महाभारत के वीर दानवीर योद्धा कर्ण की कहानी को बताया गया है, इस कविता को लिखा एवं प्रस्तुत Abhi Munde ने किया है अजब बकबक कम्युनिटी यु-टयुब चैनल पर प्रदर्शित किया गया है।
Mahabharat Kahani Karna ki – Kan kan me karna hai by abhi munde detail:
Music Director : | Jitesh Panchal, Lenin Nandi, Sushant Pawar |
Producers : | Siddharth Kumar Tewary and Rahul Kumar Tewary |
TV Show : | Mahabharat (2013) |
Editor : | Paresh Shah |
Narrated by : | Saurabh Raj Jain |
Genres : | Mythology |
Original release : | 16 September 2013 – 16 August 2014 |
Production company : | Swastik Productions |
Directed by : | Siddharth Anand Kumar, Amarprith G, Mukesh Kumar Singh, Kamal Monga, Loknath Pandey |
Original network : | Star Plus |
Kahani Karn Ki – Kan kan me karna hai Lyrics in Hindi -कहानी कर्ण की
कहानी कर्ण की कण कण में कर्ण हे
पांडवो को तुम रखो, मै कौरवो की भीड से
तिलक शिकस्त के बीच में जो टूटे ना वो रीड़ मै
सूरज का अंश हो के फिर भी हुँ अछूत मै
आर्यव्रत को जीत ले ऐसा हुँ सूत पूत मै
कुंती पुत्र हुँ मगर न हुँ उसी को प्रिय मै
इंद्र मांगे भीख जिससे ऐसा हुँ क्षत्रिय मै
आओ मैं बताऊँ महाभारत के सारे पात्र ये
भोले की सारी लीला थी किशन के हाथ सूत्र थे
बलशाली बताया जिसे सारे राजपुत्र थे
काबिल दिखाया बस लोगो को ऊँची गोत्र के
सोने को पिघला कर डाला शोन तेरे कंठ में
नीची जाती हो के किया वेद का पठंतु ने
यही था गुनाह तेरा,तु सारथी का अंश था
तो क्यो छिपे मेरे पीछे ,मै भी उसी का वंश था
ऊँच नीच की ये जड़ वो अहंकारी द्रोण था
वीरो की उसकी सूची में,अर्जुन के सिवा कौन था
माना था माधव को वीर,तो क्यो डरा एकलव्य से
माँग के अंगूठा क्यों जताया पार्थ भव्य है
रथ पे सजाया जिसने क्रष्ण हनुमान को
योद्धाओ के युद्ध में लडाया भगवान को
नन्दलाल तेरी ढाल पीछे अंजनेय थे
नीयती कठोर थी जो दोनो वंदनीय थे
ऊँचे ऊँचे लोगो में मै ठहरा छोटी जात का
खुद से ही अंजान मै ना घर का ना घाट का
सोने सा था तन मेरा,अभेद्य मेरा अंग था
कर्ण का कुंडल चमका लाल नीले रंग का
इतिहास साक्ष्य है योद्धा मै निपूण था
बस एक मजबूरी थी,मै वचनो का शौकीन था
अगर ना दिया होता वचन,वो मैने कुंती माता को
पांडवो के खून से,मै धोता अपने हाथ को
साम दाम दंड भेद सूत्र मेरे नाम का
गंगा माँ का लाडला मै खामखां बदनाम था
कौरवो से हो के भी कोई कर्ण को ना भूलेगा
जाना जिसने मेरा दुख वो कर्ण कर्ण बोलेगा
भास्कर पिता मेरे ,हर किरण मेरा स्वर्ण है
वन में अशोक मै,तु तो खाली पर्ण है
कुरुक्षेत्र की उस मिट्टी में,मेरा भी लहू जीर्ण है
देख छानके उस मिट्टी को कण कण में कर्ण है
कहानी कर्ण की : कण कण में कर्ण हे Presenting Hindi poem “Kahani Karn Ki” by Abhi Munde | Kan kan me karna hai
YouTube Video : Kahani Karn Ki – Kan kan me karna hai
कहानी कर्ण की: महाभारतात दानशूर असण्याचं प्रमाण म्हणजे दानवीर कर्ण…प्रशासनाचे प्रमाण म्हणजे अंगराज कर्ण… शौर्याचे प्रमाण म्हणजे मृत्युंजय कर्ण…दुर्दैवी असण्याचे प्रमाण म्हणजे सुर्यपुत्र कौंतेय कर्ण आणि जगातल्या उपेक्षितांचा प्रतिनिधी म्हणजे सुतपुत्र राधेय कर्ण! जेव्हा आपण ‘ कर्ण ‘ वाचतो ऐकतो तेव्हा आपण स्वतः मध्ये ‘ कर्ण ‘ शोधत असतो आणि बऱ्याचदा तो सापडतो देखील! तर आज ‘ कर्ण ‘ मांडतोय त्याची व्यथा आमच्या अभीच्या शब्दांमधून!
- सूर्य पुत्र कर्ण,
- कवच धारी कर्ण,
- कुंन्ती पुत्र कर्ण,
- अधिरथ पुत्र कर्ण,
- राधेपुत्र कर्ण,
- सूतपुत्र कर्ण
- दानवीर कर्ण,
- परशुराम शिष्य कर्ण,
- अंगराज कर्ण,
- सर्वश्रेष्ठ कर्ण,
- धनुरधारी कर्ण,
- मृत्युंजय कर्ण
अंतिम बात :
आज भी लोग महाभारत के सारे गाने को बहुत पसंद करते है। मैंने अपनी तरफ से पूरी कोसिस की है आपको इस आर्टिक्ल से सही जानकारी मिले सके हमे उम्मीद हे कि आपको यह कहानी कर्ण की : कण कण में कर्ण हे लिरिक्स पसंद आया होगा
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