Kalki Avatar – कलियुग की शुरुवात कैसे हुई

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Kalki Avatar - कलियुग की शुरुवात कैसे हुई

कलियुग की शुरुवात कैसे हुई ? Kalki Avatar का रहस्य क्या हे ? कैसे हुआ कलयुग का आगमन ? ये जानना चाहते हो  तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको वैलेंटाइन डे के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

पुराणो के अनुसार चार युग निर्धारित है जो है सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलयुग। माना जाता है कि द्वापरयुग कि समाप्ति तथा कलयुग का आगमन भगवान श्रीकृष्ण के बैकुण्ठ प्रस्थान के साथ हुआ। कलयुग का आगमन कैसे हुआ और उसका प्रभाव कैसे बढ़ा इसकी राजा परीक्षित से जुड़ी हुई कथा कई पुराणों के साथ श्रीमद्भागवत पुराण में वर्णित है।तो दोस्तों जानते हे राजा परीक्षित के साथ कलियुग की शुरुवात कैसे हुई ? कैसे हुआ कलयुग का आगमन ?

कहानी :कलियुग की शुरुवात कैसे हुई (Kalki Avatar)
शैली :आध्यात्मिक कहानी
सूत्र :पुराण
मूल भाषा :हिंदी
कलियुग की शुरुवात :कलियुग 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व से शुरू हुआ

कलियुग की शुरुवात कैसे हुई और कल्कि अवतार का रहस्य ?

परीक्षित का जन्म पांडवो के कुल में हुआ था जो बहुत बड़े धर्मनिष्ठ राजा थे, जब पांडवो ने हिमालय की ओर (प्रस्थान) महाप्रयाण किया था तब युधिष्ठिर ने राज्य का दायित्व परीक्षित को सौप दिया था। परीक्षित प्रजापालक एवं कर्तव्यनिष्ठ राजा थे उंन्होने तीन अश्वमेध यज्ञ किये तथा कई धर्मनिष्ठ कार्य किये।

एक दिन राजा परीक्षित जंगल में शिकार करने के लिए गए थे उसी जंगल में उनका सामना काल से होता हैं। राजा को यह आभाष होता हैं की कलियुग उनके राज्य में प्रवेश करने की कोशिस कर रहा हे यह बात जानकर परीक्षित को कलियुग पर बड़ा क्रोध आया और वे कलयुग का वध करने के लिए शस्त्र उठा लेते है| ” उनके इन वचनों को सुन कर कलियुग भय से काँपने लगा।कलियुग ने भयभीत होकर अपना राजसी वेष उतार कर राजा परीक्षित के चरणों में गिर गया और त्राहि-त्राहि कहने लगा।

राजा परीक्षित और कलयुग 

सम्राट परीक्षित बोले “हे कलियुग! तू मेरे शरण में आ गया है इसलिये मैंने तुझे प्राणदान दिया। किन्तु अधर्म, पाप, झूठ, चोरी, कपट, दरिद्रता आदि अनेक उपद्रवों का मूल कारण केवल तू ही है। अतः तू मेरे राज्य से तुरन्त निकल जा और लौट कर फिर कभी मत आना।”

राजा परीक्षित के इन वचनों को सुन कर कलियुग ने कहा – कि हे राजन यह सारी पृथ्वी तो आपकी ही है और इस समय मेरा पृथ्वी पर होना काल के अनुरूप है, क्योंकि द्वापरयुग समाप्त हो चुका है।

कलियुग इस तरह कहने पर राजा परीक्षित सोच में पड़ गये। फिर विचार कर के उन्होंने कहा – “हे कलियुग! द्यूत, मद्यपान, परस्त्रीगमन और हिंसा इन चार स्थानों में असत्य, मद, काम और क्रोध का निवास होता है। इन चार स्थानों में निवास करने की मैं तुझे छूट देता हूँ।”

इस पर कलियुग बोला – “हे राजन! ये चार स्थान मेरे निवास के लिये अपर्याप्त हैं। दया करके कोई और भी स्थान मुझे दीजिये।” कलियुग के इस प्रकार माँगने पर राजा परीक्षित ने उसे पाँचवा स्थान ‘स्वर्ण’ दिया।जैसे ही राजा परीक्षित ने स्वर्ण शब्द बोला और कलियुग राजा परीक्षित के स्वर्ण मुकुट में निवास करने लगा।

राजा परीक्षित को श्राप

इसके बाद एक दिन परिक्षित शिकार के लिए गए। वहां बहुत भटके और भूख प्‍यास के मारे उनका बुरा हाल था । शाम के समय थके हारे वह शमिक ऋषि के आश्रम पहुंचे ऋषि उस समय समाघि में लीन थे।परिक्षित ने कहा कि हमें प्‍यास लगी है हमें पानी चाहिए यहां और कोई भी नही है क्‍या आप सुन रहे है हम राजा परिक्षित बोल रहे है हमें प्‍यास लगी है हमें पानी चाहिए आपको सुनाई नही देता क्‍या ऋषि उस समय समाघि में लीन थे राजा ने दो-तीन बार पानी मांगा परंतु ऋषि की समाघि नही टूटी।

राजमुकुट मैं बैठे कलयुग की प्ररेणा से उनकी सात्‍विक बुद्धि भ्रष्‍ट हो गई और उन्‍होने ऋषि को दंड देने का फैसला किया । परंतु राजा के अच्छे संस्‍कारो के कारण उन्‍होनें अपने-आप को उस पाप से रोक लिया । क्रोध वश उन्‍होने मरा हुआ सांप ऋषि के गले में डाल दिया । उस शमिक ऋषि का पुत्र शृंगी बडा ही तेजस्‍वी था उस समय वह नदी में स्नान कर रहा था। दूसरे ऋषि कुमारों ने जाकर सारा वृत्तांत सुनाया कि किस प्रकार एक राजा ने उसके पिता का तिरस्‍कार किया है ।

उनकी बात सुनकर वह क्रोध से पागल हो गया और उसी क्षण नदी का जल अंजुली में भरकर राजा को श्राप दिया जिस अभिमानी और मूर्ख राजा ने मेरे महान पिता का घोर अपमान किया है वह महापापी आज से सांतवे दिन तक्षक नाग की प्रचंड विषाग्नी में जलकर भस्‍म हो जायेगा।

महल में वापस लौट कर आने पर जब राजा ने अपना मुकुट उतारा तो उनको अपनी गलती का एहसास हुआ

उसी समय महामुनि शमीक राजा के महल में आये – राजा परीक्षत ने उनका सत्कार किया | राजा परीक्षित ने अपना अपराध स्वीकार किया और कहा हे मुनिवर आप मुझे अपराध के लिए जो भी दंड देगे वह स्वीकार हे

शमीक ऋषि ने कहा हम अपनी दिव्य दृष्टि से देख चुके हैं जो कुछ भी हुआ वह तुम्हारे राजमुकुट में बैठे कलयुग के प्रभाव के कारन हुआ इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं था शमीक ऋषि ने आगे कहा में तुम्हे दोषी नहीं मानता कलयुग में तुम्हारे जैसे महात्मा राजा की अत्यंत आवश्यकता है

विधि के धनुष से दुर्भाग्य का यह बाण निकल चुका है वो वापस नहीं होगा में तुम्हे यही बताने आया हु की इस संसार में अब तुम्हारे बचने का कोई उपाय नहीं हे इसीलिए इन ७ दिनों में तुम अपना परलोक सुधार ने के उपाय करो चिंता और मोह को छोड़कर तुम इसी क्षण अपने गुरुजनो से परामर्श करो

अपने गुरु के समक्ष जाकर राजा परीक्षित ने कहा गुरुदेव में ये जानने के लिए आप के पास आया हु की जिस मनुष्य के जीवन के केवल 7 दिन रह जाये वो ऐसा क्या करे कौन सा कर्म करे जिससे उसका परलोक सवर जाये और मुक्ति पा सके

गुरुदेव ने कहा जिसको मुक्ति की कामना हो उसके पास एक ही मार्ग हे और वो हे भक्ति का मार्ग

परीक्षित ने कहा प्राणी के हृदय में भक्ति का भाव किस तरह प्रवाहित हो इसका कोई सरल उपाय बताइये गुरुदेव

गुरुदेव ने बताया उपाय हे

भगवान् वेदव्यास ने लिखा हे – जो फल तपस्या योग एवं समाधी से भी नहीं मिलता कलयुग में वही फल श्री हरी कीर्तन अर्थात श्री कृष्ण लीला के दान करने से सहज ही मिल जात्ता हे इसीलिए तुम श्रीमदभागवत कथा का श्रवण और कीर्तन करो उसमे श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओ का पवित्र वर्णन हे उसी के श्रवण से उतपन्न हुई भक्ति तुम्हे मोक्ष प्रदान करेगी

Kalki Avatar – कलयुग की शुरुआत और कल्कि अवतार

दोस्तों आपने देखा की कलयुग की कैसे शुरुआत हुए कलयुग के लगभग 5 हजार साल हो गए हे परन्तु आज जिस प्रकार धरती पर पाप हो रहा हे उसे दखकर लगता हे की कलयुग के इस प्रथम चरण में ही अंतिम चरण के लक्षण आ गए हे

इसीलिए हमे भी श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओ का श्रवण करके अपने घर में ही आध्यात्मिक वातावरण बनाना चाहिए जिससे बच्चो को अच्छे संस्कार मिल सके |

इस तरह से हम कलयुग के प्रकोप से खुद को और अपने आस पास के लोगो को बचा सकते हे

YouTube Video : कलियुग की शुरुवात कैसे हुई

अंतिम बात :

दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “कलियुग की शुरुवात कैसे हुई कहानी” वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | हमने  पूरी कोशिष की हे आपको सही जानकारी मिल सके| आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | 

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