मन्त्रपुष्पम् (Mantra Pushpam) स्त्रोत कृष्ण यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक भाग के अंतर्गत आता है। इस मंत्र का पाठ मंदिरों में पूजा अनुष्ठान के अंत में सुनाया जाता है | विशेष पूजा अवसरों पर घरों में भी मंत्र का जाय किया जाता है। इस आर्टिक्ल में हमने मंत्र पुष्पं का स्त्रोत प्रस्तुत हे
Mantra Pushpam Stotram Detail :
स्तोत्र नाम: | मन्त्रपुष्पम् : योऽपां पुष्पं वेद |
लेखकः | रामकृष्ण मठ |
संबंधित | देवता |
भाषा | संस्कृत और हिंदी |
सूत्र | पुराण |
Table of Contents
Mantra Pushpam – मन्त्रपुष्पम्
योऽपां पुष्पं वेद पुष्पवान् प्रजावान् पशुमान् भवति |
चन्द्रमा वा अपां पुष्पं पुष्पवान प्रजावान्पशुमान् भवति||
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Yo’pam Pushpam Veda Pushpavan Prajavan Pashuman Bhavati
Chandrama Va Apam Pushpam Pushpavan Prajavan Pashuman Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
अग्निर्वा अपामायतनं आयतनवान् भवति|
योऽग्निरायतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वा अग्नेरायतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Agnirva Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yo’gnerayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Va Agnerayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
वायुर्वा अपामायतनं आयतनवान् भवति|
यो वायोरायतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वै वायोरायतनं आयतनवान् भवति|
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Vayurva Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yo Vayorayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Vai Vayorayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
असौ वै तपन्नपामायतनं आयतनवान् भवति |
योऽमुष्य तपत आयतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वा अमुष्य तपत आयतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Asau Vai Tapannapamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yo’mushya Tapa Ayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Va Amushya Tapata Ayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
चन्द्रमा वा अपामायतनं आयतनवान् भवति |
यश्र्चन्द्रमस आयतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वै चान्द्रमस आयतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Chandrama Va Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yaschandramasa Ayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Vai Chandramasa Ayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
नक्षत्राणि वा अपामायतनं आयतनवान् भवति |
यो नक्षत्राणामायतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वै नक्षत्राणामायतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Nakshatrani Va Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yo Nakshtranamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Vai Nakshatranamayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
पर्जन्यो वा अपामायतनं आयतनवान् भवति |
यः पर्जन्यस्यायतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वै पर्जन्यस्यायतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽपामायतनं वेद आयतनवान् भवति ||
Parjanyo Va Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yah Parjanyasyayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Vai Parjanyasyayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’pamayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
संवत्सरो वा अपामायतनं आयतनवान् भवति |
यस्संवत्सरस्यायतनं वेद आयतनवान् भवति |
आपो वै संवत्सरस्यायतनं आयतनवान् भवति |
य एवं वेद योऽप्सु नावं प्रतिष्ठितां वेद प्रत्येव तिष्ठति ||
Samvatsaro Va Apamayatanam Ayatanavan Bhavati
Yassamvatsarasyayatanam Veda Ayatanavan Bhavati
Apo Vai Samvatsarasyayatanam Ayatanavan Bhavati
Ya Evam Veda Yo’psunavam Pratishthitam Veda Pratyeva Tishthati
ॐ राजाधि राजाय प्रसह्य साहिने नमो वयं वैश्रवणाय कूर्महे
समे कामान् काम कामाय मह्यं कामेश्र्वरो वैश्रवणो दधातु
कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः
Om Rajadhi Rajaya Prasahya Sahine Namo Vayam Vaishravanaya Kurmahe
Same Kaman.H Kama Kamaya Mahyam Kameshvaro Vaishravano Dadhatu
Kuberaya Vaishravanaya Maharajaya Namah
मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत पाठ करने से क्या लाभ होते हैं ?
- मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत से भक्त को मन की शांति मिलती है और वह व्यक्ति सभी बुराइयों और बुरे विचारों से दूर रहता है।
- इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हे और आत्मविश्वास बढ़ता हे
- मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत का पाठ करने से कठिन से कठिन समय का सामना करके हर समस्या से जीता जा सकता है।
- जो कोई भी मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत का पाठ आपको सभी समस्याओं से मुक्ति देने में मदद करता हे
- इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति का डर भी दूर हो जाता हे
- इस स्त्रोत का पाठ करने से जीवन में आने वाली विपत्तियाँ दूर होती हैं
- पूरी भक्ति के साथ इस मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत का पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत का पाठ कब करना चाहिए
- मान्यता के अनुसार मन्त्रपुष्पम् स्त्रोत का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है
- आप इसे शाम को पढ़ना चाहते हैं तो कम से कम अपने हाथ और पैर अच्छी तरह धो लें। और स्वच्छ कपडे पहनकर करे
- इस मन्त्रपुष्पम् का पाठ आरम्भ करने से पहले सर्वपर्थम भगवान गणेश की वन्दना करें
- मन्त्रपुष्पम् को पुरे मन से एक एक बॉल पर ध्यान देकर उच्चारण करे
- हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त में इस स्त्रोत का पाठ करे जिससे हमारी प्रार्थना सीधे पर्मात्मा तक पहुंचती है
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निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “मन्त्रपुष्पम्” वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके |
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