ज्ञान और अज्ञान की परिभाषा : निरपेक्ष सत्य की स्वानुभूति ही ज्ञान है। यह प्रिय अप्रिय सुख-दू:ख इत्यादि भावों से निरपेक्ष होता है। ज्ञान विभाजन विषयों के आधार पर होता है। और विषय पाँच होते हैं – रूप, रस, गंध, शब्द और स्पर्श।
Devon Ke dev Mahadev episode : ज्ञान और अज्ञान की परिभाषा
TV Show : | Devo Ke Dev Mahadev (2011) |
Music Composer : | Sajan Rajan Mishra |
Genre : | Religious |
Director : | Nikhil Sinha, Manish Singh |
Music Director(s): | Sandeep Mukherjee, Karthik Raja, Bawra Bros, Sajan Mishra, Rajan Mishra |
Cinematography : | Deepak Garg and Amit Malvia |
Original network : | Life OK |
Staring : | Mohit Raina, Pooja Bose, Sonarika Bhadoria, Mouni Roy, Rushiraj Pawar, Kumar Hegde |
Producer : | Anirudh Pathak,Nikhil Sinha |
Release Date : | 18th December 2011 |
Table of Contents
SHIV GYAN – ज्ञान और अज्ञान की परिभाषा
ज्ञान की मूल परिभाषा
” ज्ञान और अज्ञान की परिभाषा को स्पष्ट रूप से समझने के लिए, ज्ञान और अज्ञान की विशिष्टताओ का स्मरण करना आवश्यक है!
जिसके कारण स्वार्थ, विनाश, क्रूरता, अशान्ति, और भय में वृद्धि हो, वह अज्ञान है !
किन्तु जो व्यक्ति को उदार, निर्भीक, सहनशील, और विनम्र बनाये वही ज्ञान है !
अज्ञान की शक्तियां दुरूपयोग करने हैतु प्रेरित करती है, किन्तु जो अपनी शक्ति और अपने सामर्थ्य के प्रति अपने उत्तरदायित्वो को समझाए, जो न केवल अपने अपितु अपने से पहले संसार के उद्धार हैतु प्रोत्साहित करे, वही ज्ञान है !
ज्ञान का मूल उद्देश्य ही परोपकार है, सृजन है !
दूसरों की भावनाओं को समझना, उनका आदर करना, यही ज्ञान है, क्यूंकि ज्ञान हमे न केवल अपने अपितु दूसरों के दुःख और सुख के प्रति भी संवेदनशील बनता है !
किन्तु जो दूसरों की भावनाओं का अनादर करे, उसे ज्ञान की श्रेणी में कैसे रखा जा सकता है…??
अज्ञान के कारण व्यक्ति सांसारिकता में बंधता जाता है, मौह माया में उलझता जाता है !
अज्ञान परम सत्य से दूर ले जाने का माध्यम है ! “
“हर हर महादेव ” ॐ नमः शिवाय
ज्ञान का ध्येय सत्य है और सत्य ही आत्मा का लक्ष्य है। ज्ञान मनुष्य को सत्य के दर्शन कराता है। “बहूना जन्म नामन्ते ज्ञानवान् माम प्रपद्यते।” (गीता) अर्थात् बहुत जन्मों के अन्त में ज्ञानी ही मुझे पाता है।
स्वर्ग और नर्क मनुष्य के ज्ञान और अज्ञान का ही परिणाम है। ज्ञानी मनुष्य के लिए यह संसार स्वर्ग है। वह जहाँ भी रहता है स्वर्गीय वातावरण का सृजन कर लेता है तो अज्ञानी को पद-पद पर अपने दुष्कृत्य और कुविचारों के कारण नारकीय पीड़ाओं का सामना करना पड़ता है
देवों के देव महादेव धारावाहिक कलाकार और किरदार :
- मोहित रैना : शिव, महादेव, महाकाल, नीलकंठ, जलंधर, वीरभद्र के रूप में
- मौनी रॉय : देवी सती, दक्षिणायनी, महादेवी के रूप में
- सोनारिका भदौरिया, पूजा बनर्जी, सुहासी गोराडिया धामी : पार्वती, महादेवी, आदि पराशक्ति, आदि शक्ति, दुर्गा के रूप में
- सौरभ राज जैन : भगवान विष्णु, नारायण, भगवान कृष्ण, राम के रूप में
- दर्शन गुर्जर : युवा कार्तिकेय के रूप में
- अल्पेश ढकन, एहसान भाटिया : विनायक श्री गणेश के रूप में
- राधाकृष्ण दत्ता : भगवान ब्रह्मा और दत्तात्रेय के रूप में
- पूजा कामेश्वर शर्मा और सलीना प्रकाश : सरस्वती के रूप में
- जितेन लालवानी : देवराज इंद्र के रूप में
- कुमार हेगड़े : नंदी के रूप में
- विशाल कोटियन : हनुमानजी के रूप में
अंतिम बात :
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