चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध | Veer Abhimanyu | महाभारत कथा

1576
चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध - Veer Abhimanyu

चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध : वीरता, बुद्धिमानी और पौरुष का एक महान उदाहरण है महाभारत युग का ‘वीर अभिमन्यु’, जिसे अर्जुन-पुत्र के नाम से भी जाना जाता है।

बचपन से ही अपने माता-पिता और अन्य पाण्डु भाइयों का आदर करने वाला अभिमन्यु, श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा और अर्जुन की संतान था। अभिमन्यु का बचपन कृष्ण की नगरी द्वारिका में ही बीता था, जहां कृष्णजी के संरक्षण में उसने हर तरह का योग्य ज्ञान हासिल किया। उनका विवाह महाराज विराट की पुत्री उत्तरा से हुआ

कहानी :चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध
शैली :आध्यात्मिक कहानी
सूत्र :पुराण
मूल भाषा :हिंदी

चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध – Veer Abhimanyu Vadh Mahabharat

महाभारत तेरहवे दिन के युद्ध में कौरव सेना के प्रधान सेनापति गुरु द्रोणाचार्य द्वारा युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए चक्रव्यूह की रचना की गई थी। पांडव पक्ष में केवल श्रीकृष्ण और अर्जुन ही चक्रव्यूह भेदन जानते थे। लेकिन उस दिन उन्हें त्रिगत नरेश कौरवो की योजना के मुताबित युद्ध करते-करते चक्रव्यूह स्थल से बहुत दूर ले गए। त्रिगत नरेशदुर्योधन के शासनाधीन एक राज्य था।

अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह में केवल प्रवेश करना आता था, उससे निकलना वह नहीं जानता था। चक्रव्यूह भेदन अभिमन्यु ने तब सुना था, जब वह अपनी माता के गर्भ में था और उसके पिता अर्जुन उसकी माता को यह विधि समझा रहे थे, किन्तु माता के सो जाने के कारण वह चक्रव्यूह से निकलना नहीं जान पाया। 

अभिमन्यु ने युधिष्ठिर से कहा आप चिंता न करें। आज मैं वह पराक्रम कर दिखाऊंगा, जिससे मेरे मामा भी प्रसन्न होंगे और पिताजी भी। युधिष्ठिर की रक्षा करने के लिए अभिमन्यु ने जैसे ही चक्रव्यूह में प्रवेश किया, सिन्धु नरेश जयद्रथ ने प्रवेश मार्ग को रोक लिया और अन्य पाण्डवों को भीतर प्रवेश नहीं करने दिया। अब शत्रुचक्र में अभिमन्यु अकेला पड़ गया। 

अकेला होने पर भी वह वीरता से लड़ा और उसने अकेले ही कौरव सेना के बड़े-बड़े योद्धाओं को परास्त किया, जिनमें स्वयं कर्ण, द्रोण और दुर्योधन भी थे। कर्ण और दुर्योधन ने गुरु द्रोण के निर्देशानुसार अभिमन्यु का वध करने का निर्णय लिया।

उन सभी ने युद्ध के सारे नियमों को भुलाकर अभिमन्यु पर एक साथ आक्रमण करना प्रारम्भ कर दिया। कर्ण ने बाण चलाकर अभिमन्यु का धनुष और रथ का एक पहिया तोड़ दिया, जिससे वह भूमि पर गिर पड़ा और अन्य कौरवों ने उस पर आक्रमण कर दिया। सभी ने घेरकर अभिमन्यु को मौत की नींद सुला दिया।

अंतिम बात :

दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “चक्रव्यूह और अभिमन्यु वध कहानी” वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | हमने पूरी कोशिष की हे आपको सही जानकारी मिल सके| आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | 

हमे उम्मीद हे की आपको Veer Abhimanyu वाला यह आर्टिक्ल पसंद आया होगा | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है | ऐसी ही कहानी के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद ! 🙏