Hanuman Amritwani Lyrics is Traditional Hanuman Bhajan Sung By Anuradha Paudwal From “Shri Hanuman Amritwani” Album. This Song is Written By Balbir Nirdosh While Music Composed By Surinder Kohli. It’s Released By T-Series Bhakti Sagar Youtube Channel.
हनुमान अमृतवाणी एक भक्ति भजन है जो सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक भगवान हनुमान को समर्पित है। भगवान हनुमान को भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति और उनकी अविश्वसनीय शक्ति और भक्ति के लिए जाना जाता है। भगवान हनुमान का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए भक्तों द्वारा अक्सर हनुमान अमृतवाणी का पाठ किया जाता है।
Hanuman Amritwani Lyrics Song Details:
Song: | Shri Hanuman Amritwani (Part 2) |
Album: | Shri Hanuman Amritwani |
Singer: | Anuradha Paudwal |
Lyrics: | Balbir Nirdosh |
Music: | Surinder Kohli |
Label: | T-Series Bhakti Sagar |
Genre: | Bhajans |
Table of Contents
हनुमान अमृतवाणी Hanuman Amritwani Lyrics In Hindi
रामायण की भव्य जो माला,
हनुमत उसका रत्न निराला।
निश्चय पूर्वक अलख जगाओ,
जय जय जय बजरंग ध्याओ।।
अंतर्यामी है हनुमंता,
लीला अनहद अमर अनंता।
रामकी निष्ठा नस नस अंदर
रोम रोम रघुनाथ का मंदिर।।
सिद्धि महात्मा ये सुख धाम,
इसको कोटि कोटि प्रमाण।
तुलसीदास के भाग्य जगाये,
साक्षात के दर्श दिखाए।।
सूझ बूझ धैर्य का है स्वामी,
इसके भय खाते खलकामी।
निर्भिमान चरित्र है उसका,
हर एक खेल विचित्र है इसका।।
सुंदरकांड है महिमा इसकी,
ऐसी शोभा और है किसकी।
जिसपे मारुती की हो छाया,
माया जाल ना उसपर आया।।
मंगलमूर्ति महसुखदायक,
लाचारों के सदा सहायक।
कपिराज ये सेवा परायण,
इससे मांगो राम रसायन।।
जिसको दे भक्ति की युक्ति,
जन्म मरण से मलती मुक्ति।
स्वार्थ रहित हर काज है इसका,
राम के मन पे राज है इसका।।
वाल्मीकि ने लिखी है महिमा,
हनुमान के गुणों की गरिमा।
ये ऐसी अनमोल कस्तूरी,
जिसके बिना रामायण अधूरी।
कैसा मधुर स्वाभाव है इसका,
जन जन पर प्रभाव है इसका।
धर्म अनुकूल नीति इसकी,
राम चरण से प्रीती इसकी।
दुर्गम काज सुगम ये करता,
जन मानस की विपदा हरता।
युगो में जैसे सतयुग प्यारा,
सेवको में हनुमान निरारा।
दोहा :
श्रद्धा रवि बजरंग की रे मन माला फेर,
भय भद्रा छंट जाएंगे घडी लगे ना देर।।
अहिरावण को जिसने मारा,
तुझे भी देगा वो ही सहारा।
शत्रु सेना के विध्वंसक,
धर्मी कर्मी के प्रसंशक।।
विजयलक्ष्मी से है विपोषित,
महावीर की छवि है शोभित।
बाहुबल प्रचंड है इसका,
निर्णय अटल अखंड है इसका।।
हनु ने जग को ये समझाया,
बिना साधना किसने पाया।
ज्ञान से तुम अज्ञान मिटाओ,
सद्गुण से दुर्गुण को भगाओ।।
वाल्मीकि ने लिखी है महिमा,
हनुमान के गुणों की गरिमा।
ये ऐसी अनमोल कस्तूरी,
जिसके बिना रामायण अधूरी।।
कैसा मधुर स्वाभाव है इसका,
जन जन पर प्रभाव है इसका।
धर्म अनुकूल नीति इसकी,
राम चरण से प्रीती इसकी।।
दुर्गम काज सुगम ये करता,
जन मानस की विपदा हरता।
युगो में जैसे सतयुग प्यारा,
सेवको में हनुमान निराला।
हनुमत भजन यही सिखलाता,
पुण्य से पाप अदृश्य हो जाता।
जो जान पढ़े हनुमान चालीसा,
हनु करे कल्याण उसी का।
संकटमोचन जी भर पढ़िए,
मन से कुछ विश्वास भी करिये।
बिना भरोसे कुछ नहीं होता,
तोता रहे पिंजरे का तोता।
पाठ करो बजरंग बाण का,
यही तो सूरज है कल्याण का।
रोम रोम में शब्द उतारो,
ऊपर ऊपर से ना पुकारो।
हनुमान वाहुक है एक वाहन,
सच्चे मन से करो आह्वान।
अपना बनाएगा वो तुमको,
गले लगाएगा वो तुमको।
भीतर से यदि रोये ना कोई,
उसका दिल से होये ना कोई।
हनुमत उसको कैसे मिलेगा,
सुख का कैसे फूल खिलेगा।
मन है यदि कौवे के जैसा,
हनु हनु फिर रटना है कैसा।
कपडे धोने से क्या होगा,
नस नस भीतर है यदि धोखा।
मन की आँखे भी कभी खोलो,
मन मंदिर में उसे टटोलो।
हनुमत तेरे पास है रहता,
देख तू पिके अमृत बहता।
दोहा :
कपिपति हनुमंत की सेवा करके देख,
तेरे नसीबो की पल में बदल जाएगी रेख।
बजरंग सचिदानंद का प्यारा,
भक्ति सुधा की पावन धारा।
अर्जुन रथ की ध्वजा पे साजे,
बन के सहायक वह विराजे।।
जनक नंदिनी की ममता में,
अवधपुरी की सब जनता में।
रमी हुई है छवि निराली,
भक्त राम का भाग्यशाली।
देखा एक दिन उसने जाके,
सीता को सिन्दूर लगाते।
भोलेपन में हनु ने पूछा,
क्यूँ लागे ये इतना अच्छा।।
ऐसा करने से क्या होता,
मांग में भरने से क्या होता।
मुझे भी मैया कुछ बतलाओ,
क्या रहस्य है ये समझाओ।।
जानकी माता बोली हँसके,
बाँध लो पल्ले ये तुम कसके।
न्याय करता अंतर्यामी,
रघुवर जो है तुम्हरे स्वामी।।
जितना ये मैं मांग में भरती,
उतनी उसकी आयु बढ़ती।
मैं जो उसको मन से चाहती,
इसीलिए ये धर्म निभाती।
रामभक्त हनुमान प्यारे,
तीन लोक से है जो न्यारे।
श्रद्धा का वो रंग दिखाया,
रंग ली झट सिन्दूर से काया।।
बिलकुल ही वो हो सिन्दूरी,
प्रभु की भक्ति करके पूरी।
अद्भुत ही ये रूप सजा के,
राजसभा में पहुंचे जाके।।
देखकपि दी दशा न्यारी,
खिलखिलाये सब दरबारी।
प्रभु राम भी हँसके बोले,
ये क्या रूप है हनुमत भोले।।
हनु कहा जो लोग है हँसते,
वो नहीं इसका भेद समझते।
जानकी मैया है ये कहती,
इस से आपकी आयु बढ़ती।।
दोहा :
चोला ये सिन्दूर का चढ़े जो मंगलवार,
कपि के स्वामी की इस से आयु बढे अपार।।
विजय प्राप्त कर जब लंका पे,
राम अयोध्या नगरी लौटे।
राजसिंहासन पर जब बैठे,
फूल गगन से ख़ुशी के बरसे।।
जानकी वल्लभ करुणा कर ने,
सबको दिए उपहार निराले।
मुक्ताहार जो मणियों वाला,
जिसका अद्भुत दिव्या उजाला।।
सीता जी के कंठ सजाया,
राम ही जाने राम की माया।
सीता ने पल देर ना कीन्ही,
वो माला हनुमान को दीन्हि।।
महावीर थे कुछ घबराये,
रहे देखते वो चकराए।
जैसे उनको भाये ना माला,
हृदय को भरमाये ना माला।।
गले से माला झट दी उतारी,
तोड़े मोती बारी बारी।
हीरे कई चबाकर देखे,
सारे रत्न दबाकर देखे।।
व्याकुल उसकी हो गयी काया,
पानी नैनन में भर आया।
जैसे दिल ही टूट गया हो,
भाग्य का दर्पण फूट गया हो।।
चकित हुए थे सब दरबारी,
बोझ सिया के मन पे भारी।
राम ने कैसे खेल रचाया,
कोई भी इसको जान ना पाया।।
पूछा सिया ने अंजनी लाला,
माँ का प्यार था ये तो माला।
माँ की ममता क्यों ठुकरा दी,
कौन सी गलती की ये सजा दी।।
बजरंग बोले आंसू भर के,
जनक सुता के चरण पकड़ के।
मैया हर एक मोती देखा,
तोड़ तोड़ के सब कुछ परखा।।
कहीं ना मूरत राम की माता,
वो माला किस काम की माता।
कोड़ी के वो हीरे मोती,
जिनमे राम की हो ना ज्योति।।
दोहा :
सुनके वचन हनुमान के कहा सिये तत्काल
राम तेरे तुम राम के हो ऐ अंजनी के लाल
एक समय की कथा ये सुनिए,
कपि महिमा के मोती चुनिए।
राम सेतु के निकट कहीं पर,
राम की धुन में खोये कपिवर।।
सूर्य पुत्र शनि अभिमानी,
ने जाने क्या मन में
सूर्य पुत्र शनि अभिमानी,
ने जाने क्या मन में ठानी।
हनुमान को आ ललकारा,
देखना है बल मैंने तुम्हारा।।
बड़ा कुछ जग से सुना सुनाया,
युद्ध मैं तुमसे करने आया।
महावीर ने हँसके टाला,
काहे रूप धरा विकराला।।
महाप्रतापी शनि तू मन,
शक्ति कहीं जा और दिखाना।
राम भजन दे करने मुझको,
हाथ जोड़ मैं कहता तुझको।।
लेकिन टला ना वो अहंकारी,
कहा अगर तू है बलकारी।
मुझको शक्ति ज़रा तू दिखादे,
कितने पानी में है बता दे।।
हनुमान ने पूंछ बढ़ाकर,
शनि के चारो ओर घुमाकर।
कस के उसे लपेटा ऐसे,
नाग जकड़ता किसी को जैसे।।
खूब घुमा के दिया जो झटका,
बार बार पत्थरो पे पटका।
हो गया जब वो लहू लुहान,
चूर हो गया सब अभिमान।।
ऐसे अब ना छोडूंगा तुझको,
कहा हनु ने वचन दे मुझको।
मेरे भक्तो को तेरी दृष्टि,
भूल के कष्ट कभी ना देगी।।
शनि ने हाँ का शक्त ऊंचारा,
तब हुआ जाकर छुटकारा।
चोट की पीड़ा से वो रोकर,
तेल मांगने लगा दुखी होकर।
शास्त्र हमें ये ही बताता,
जो भी शनि को तेल चढ़ाता।
उसकी दशा से वो बच जाता,
हनुमान की महिमा गाता।
दोहा :
शनि कभी जो आ घेरे मत डरियो इंसान,
जाप करो हनुमान का हो जाए कल्याण।।
हनुमान निर्णायक शक्ति,
हनुमान पुरषोतम भक्ति।
हनुमान है मार्गदर्शक,
हनुमान है भय विनाशक।।
हनुमान है दया निधान,
हनुमान है गुणों की खान।
हनुमान योद्धा सन्यासी,
हनुमान है अमर अविनाशी।
हनुमान बल बुद्धि दाता,
हनुमान चित शुद्धि करता।
हनुमान स्वामी का सेवक,
हनुमान कल्याण दारक।
हनुमान है ज्ञान ज्योति,
हनुमान मुक्ति की युक्ति।
हनुमान है दीन का रक्षक,
हनुमान आदर्श है शिक्षक।
हनुमान है सुख का सागर,
हनुमान है न्याय दिवाकर।
हनुमान है सच का अंजन,
हनुमान निर्दोष निरंजन।
हनुमान है आश्रय दाता,
हनुमान सुखधाम विधाता।
हनुमान है जग हितकारी,
हनुमान है निर्विकारी।।
हनुमान त्रिकाल की जाने,
हनुमान सबको पहचाने।
हनुमान से मनवा जोड़ो,
हनुमान से मुँह ना मोड़ो।।
हनुमान का कीजे चिंतन,
हनुमान हर सुख का सागर।
हनुमान को ना बिसराओ,
हनुमान शरण में जाओ।।
हनुमान उत्तम दानी,
हनुमान का जप कल्याणी।
हनुमान जग पालनहारा,
हनुमान ने सबको तारा।।
हनुमान की फेरो माला,
हनुमान है दीनदयाला।
हनुमान को सिमरो प्यारे,
हनुमान है साथ तुम्हारे।।
दोहा:
पवन के सुत हनुमान का जिसके सिर पर हाथ,
उसको कभी डराये ना दुःख की काली रात।।
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान,
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान,
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान।।
Hanuman Amritwani Lyrics In English – श्री हनुमान अमृतवाणी
Raamaayan Kee Bhavy Jo Maala,
Hanumat Usaka Ratn Niraala.
Nishchayapoorvak Alakh Jagato,
Jay Jay Jay Bajarang Dhyao..
Antaryaamee Hai Hanumanta,
Leela Anahad Amar Ananta.
Andar Raamakee Nishtha Nahin Hai
Rom Rom Raghunaath Ka Mandir..
Siddhi Mahaatma Ye Sukh Dhaam,
Isakee Koti Koti Pramaan.
Tulaseedaas Kee Kismat Duniyaaye,
Saakshaat Ke Darsh Sho..
Khaamosh Gaambheery Ka Svaamee Soo Hai,
Isake Bhay Khaate Khalakaamee.
Nirbhimaan Charitr Hai Usaka,
Har Ek Khel Vichitr Hai..
Sundarakaand Mahima Hai Isakee,
Aisee Shobha Aur Hai Kisakee.
Jispe Maaruti Kee Ho Chhaaya,
Maaya Jaal Na Usapar Aaya..
Mangal Mangal Mahaasukhadaayak,
Lachaaron Ke Sada Sahaayak.
Kapiraaj Ye Seva Paraayan,
Isase Maango Raam Rasaayan..
Bolee De Bhakti Kee Drshti,
Janm Maran Se Malatee Mukti.
Svaarth Anupayogee Har Kaaj Hai,
Raam Ke Man Pe Raaj Hai..
Vaalmeeki Ne Mahima Likhee Hai,
Hanumaan Ke Gunon Kee Garima.
Ye Aisee Anamol Kastooree,
Jinake Bina Raamaayan Nahin Hai.
Kaisa Madhur Svaabhaav Hai,
Jan Jan Par Prabhaav Hai.
Dharm Ke Anukool Neeti Isakee,
Raam Charan Se Preetee Isakee.
Durgam Kaaj Vaikalpik Karata Hai,
Jan Maanas Kee Vipada Harata.
Yugo Mein Jaise Satayug,
Sevako Mein Hanumaan Niraara.
Doha : Shubharaatri Ravi Bajarang Kee Re Man Maala Pher,
Bhay Bhadraachhant Jaenge Ghadee Lage Na Der..
Ahiraavan Ko Jisane Maara,
Len Bhee Vo Hee Sahayog Denge.
Vidhvansak Sena Ke Vidhvansak,
Dharmee Karmee Ke Prashn..
Vijayalakshmee Se Viposhit Hai,
Mahaaveer Kee Chhavi Shobhit Hai.
Baahubal Prachand Hai,
Nirnay Atal Akhand Hai..
Hanu Ne Jag Ko Ye Samana,
Bina Shiksha Ke Paaya Gaya.
Gyaan Se Tum Agyaano,
Sadgun Se Durgun Ko Vaamao..
Vaalmeeki Ne Mahima Likhee Hai,
Hanumaan Ke Gunon Kee Garima.
Ye Aisee Anamol Kastooree,
Jinake Bina Raamaayan Adhooree Hai..
Kaisa Madhur Svaabhaav Hai,
Jan Jan Par Prabhaav Hai.
Dharm Ke Anukool Neeti Isakee,
Raam Charan Se Preetee Isakee..
Durgam Kaaj Vaikalpik Karata Hai,
Jan Maanas Kee Vipada Harata.
Yugo Mein Jaise Satayug,
Sevako Mein Hanumaan Niraala.
Hanumat Bhajan Yahee Sikhalaata,
Puny Se Paap Adrshy Ho Jaata Hai.
Jo Jaane Anajaane Hanumaan Chaaleesa,
Hanu Kare Kalyaan Usee Ka.
Sankatamochan Jee Bhar Padhie,
Man Se Kuchh Vishvaas Bhee Kariye.
Bina Bharose Kuchh Nahin Hota,
Tota Rahe Ka Tota.
Paath Karo Bajarang Ban Ka,
Yahee To Sooraj Kalyaan Ka Hai.
Rom Rom Mein Aavaaz Karen,
Oopar Se Na Kahen.
Hanumaan Vaahan Ek Vaahan Hai,
Kaaryasthal Man Se Karo Aamantran.
Apana Tay Vo Tumako,
Gale Lagaega Vo Tumako.
Andar Se Yadi Roye Na Koee,
Usake Dil Se Hoye Na.
Hanumat Use Kaise Milega,
Sukh Ka Kaise Phool Khilega.
Man Hai Yadi Kauve Ke Roop Mein,
Hanu Hanu Phir Ratana Hai Kaisa.
Kapade Dhone Se Kya Hoga,
Yadi Dhokha Hai To Koee Baat Nahin.
Man Kee Aankhe Bhee Kabhee Kholo,
Man Mandir Mein Use Tatolo.
Hanumat Tere Paas Rahata Hai,
Dekh Too Pike Bahm Amrtata.
Doha : Kapipati Hanumant Kee Seva Karake Dekhen,
Tere Naseebo Ke Pal Mein Badalenge Roop.
Bajarang Sachindaanand Ke Sambandh,
Bhakti Sudha Kee Paavan Dhaara.
Arjun Rath Ke Dhvaja Pe Saaje,
Ban Ke Sahaayak Vah Viraaje..
Janak Nandinee Kee Mamata Mein,
Avadhapuree Kee Sab Janata Mein.
Roomee Huee Hai Imej Niraalee,
Bhakt Raam Ka Saubhaagy.
Ek Din Dekha Usane Jaake,
Seeta Ko Sindoor.
Bholepan Mein Hanu Ne Poochha,
Kyon Laage Ye Itana Achchha..
Aisa Karane Se Kya Hota Hai,
Maang Mein Bharane Se Kya Hota Hai.
Mujhe Bhee Maiya Kuchh Batalao,
Kya Rahasy Hai Ye Samajhao..
Jaanakee Maata Bolee Prashn,
Lapake Lo Palle Ye Tum Kasake.
Nyaay Karata Antaryaamee,
Raghuvar Jo Hai Tumhare Svaamee..
Itanee Maang Main Mein Bharatee,
Usakee Umr Badhatee Ja Rahee Hai.
Main Jo Use Man Se Chaahata Hoon,
Iseelie Ye Dharm Pramaan.
Raamabhakt Hanumaan Pyaare,
Teen Log Jo Jaaree Hain.
Shraddha Ka Vo Rang Dikhaaya Gaya Hai,
Rang Lee Jhat Sindoor Se Kaaya..
Bilkul Hee Vo Ho Sindooree,
Prabhu Kee Bhakti Karake Sampoorn.
Adbhut Hee Ye Roop Vaaky Ke,
Raajasabha Mein Pahunche Jaake..
Dekhakapi Dee Dasha Naeeree,
Filmakhilaaye Sab Darabaaree.
Prabhu Raam Bhee Prashn Ke Bol,
Ye Kya Hai Hanumat Bhole..
Hanu Ne Kaha Jo Log Hansate Hain,
Vo Nahin Isaka Bhed Samajh.
Jaanakee Maiya Ye Kahatee Hai,
Is Se Aapakee Umr Badhatee Ja Rahee Hai..
Doha : Chola Ye Sindoor Ka Chauraaha Jo Mangalavaar,
Kapi Ke Svaamee Kee Is Umr Mein Vrddhi Huee Hai..
Vijay Praapt Kar Jab Lanka Pe,
Raam Ayodhya Nagaree Den.
Raajasinhaasan Par Baithe Hue,
Phool Gagan Se Khushee Ke Barase..
Jaanakee Vallabh Karuna Kar Ne,
Geeton Mein Die Gae Upahaar Niraale.
Muktaahaar Jo Maniyon Vaala,
Adbhut Divya Ujaala..
Seeta Jee Ke Kanth,
Raam Hee Jaane Raam Kee Maaya.
Sitaar Ne Der Se Na Kinshee,
Vo Maala Hanumaan Ko Deenhi..
Mahaaveer The Kuchh Ghabaraaye,
Rahe Dekhate Vo Chakrae.
Jaise Unhen Bhaaye Na Desh,
Hrday Ko Bharamaaye Naatala..
Gale Se Granthi Jhat Dee Gaee,
Toote Hue Parl Tarn.
Kaee Chabaakar Dekhe,
Sabhee Ratn Dekhen..
Vyaakul Usaka Ho Gaya,
Paanee Nainan Mein Bhar Gaya.
Jaise Dil Toot Gaya Ho,
Bhaagy Ka Darpan Phoot Gaya..
Sab Darabaaree The,
Bosiya Ke Man Pe Bhaaree.
Raam Ne Kaise Khel Rachaaya,
Koee Bhee Ise Jaan Na Paaya..
Poochhe Gae Siya Ne Anjanee Laala,
Maan Ka Pyaar Tha Ye To Maatrbhoomi.
Maan Kee Mamata Kyon Thukara Dee,
Kis See Galatee Kee Ye Saja Dee Gaee..
Bajarang Bole Aansoo Bhar Ke,
Janak Suta Ke Charan Pakad Ke.
Maiya Har Ek Kan Dekha,
Tod Tod Ke Sab Kuchh Parakha..
Kaheen Na Moorat Raam Kee Maata,
Vo Maatrbhoomi Kis Kaam Kee Maata.
Kodee Ke Vo Heere Parl,
Jiname Raam Kee Ho Na Jyoti..
Doha : Sunake Vachan Hanumaan Ke Kahe Saye Jeete
Raam Tum Raam Ke Ho Ai Anjanee Ke Laal
Ek Baar Kee Kahaanee Ye Sunie,
Kapi Gloree Ke Parl Choonie.
Raam Setu Ke Nikat Kaheen Par,
Raam Kee Dhun Mein Khoye Kapivar..
Soory Putr Shani Abhimaanee,
Ne Jaane Kya Man Mein
Soory Putr Shani Abhimaanee,
Ne Jaane Kya Man Mein Thaanee.
Hanumaan Ko Aa Lalakaara,
Drshy Hai Bal Main..
Bada Kuchh Jag Se Suna Suna,
Yuddh Main Bilkul Karane Aaya.
Mahaaveer Ne Hansee Ke Taala,
Kahe Roop Dhara Viraala..
Mahaaprataapee Shani Too Man,
Shakti Kaheen Ja Aur Dikhao.
Raam Bhajan
Demuko,
Haath Jodana Main Kahata Hoon..
Lekin Taala Na Vo Ahankaaree,
Kaha Agar Too Hai Balakaaree.
Mujhako Shakti Zara Toode Dikhao,
Kitana Paanee Mein Bata Deta Hoon..
Hanumaan Ne Vistaar Kiya,
Shani Ke Chaaro Or Kujakar.
Kaise Lipata Aise,
Naag Jakada Kisee Ko Jaise..
Bahut Kuj Ke Diya Jo Jhataka,
Baar Baar Pattharo Pe Pataka.
Ho Gaya Jab Vo Lahoo Luhaan,
Choor Ho Gaya Sab Abhimaan..
Aise Ab Na Den Aapako,
Kaha Hanu Ne Vachan Demuko.
Mere Bhakto Ko Teree Drshti,
Bhool Ke Dukh Kabhee Na Dega..
Shani Ne Haan Ka Shakti Oonchaara,
Tab Hua Sudhaar.
Chot Kee Dard Se Vo Rokar,
Tel Kaary Karane Se Asvasth Mahasoos Hota Hai.
Shaastr Hamen Ye Hee Den,
Jo Bhee Shani Ko Tel Chadhaata Hai.
Usakee Haalat Se Vo Bach Gaya,
Hanumaan Kee Mahima Gaata.
Doha : Shani Kabhee Jo Aa Aashankaen Matiriyo Manushy,
Jaap Karo Hanumaan Ka Ho Jae Kalyaan..
Hanumaan Nirnaayak Shakti,
Hanumaan Purushottam Bhakti.
Hanumaan Hai Maargadarshak,
Hanumaan Hai Bhayaakraant..
Hanumaan Hai Daya Nidhaan,
Hanumaan Gunon Kee Khaan Hai.
Hanumaan Yoddha Sanyaasee,
Hanumaan Hai Amar Avinaashee.
Hanumaan Bal Buddhi Drashta,
Hanumaan Chit Shuddhi Karata Hai.
Hanumaan Svaamee Ke Sevak,
Hanumaan Kalyaan Kaarak.
Hanumaan Hai Gyaan Jyoti,
Hanumaan Mukti Kee Adhisoochana.
Hanumaan Hai Deen Ka Rakshak,
Hanumaan Aadarsh Hai Shikshak.
Hanumaan Hai Sukh Ka Saagar,
Hanumaan Hai Nyaay Divaakar.
Hanumaan Hai Sach Ka Anjan,
Hanumaan Niranjan.
Hanumaan Hai Sharanaagat Drashta,
Hanumaan Sukhadhaam Vidhaata.
Hanumaan Hai Jaagrti Hitakaaree,
Hanumaan Nirvikaaree Hai..
Hanumaan Trikaal Kee Jaane,
Hanumaan Varking.
Hanumaan Se Manava Jodo,
Hanumaan Se Munh Na Modo..
Hanumaan Jee Kee Drshti,
Hanumaan Har Sukh Ka Saagar.
Hanumaan Ko Na Bisarao,
Hanumaan Sharan Mein Jao..
Hanumaan Uttam Daanee,
Hanumaan Ka Jap Kalyaanee.
Hanumaan Jag Paalanahaara,
Hanumaan Ne Staarakaast Kiya..
Hanumaan Kee Phero Dhaatu,
Hanumaan Hai Deenadayaal.
Hanumaan Ko Simaro Pyaare,
Hanumaan Hai Saath..
Doha : Pavan Ke Sut Hanumaan Ka Jisake Sir Par Haath Hai,
Use Kabhee-Kabhee Duhkhee Na Kee Kaalee Raat..
Jay Jay Jay Hanumaan, Jay Ho Mary Nidhaan,
Jay Jay Jay Hanumaan, Jay Ho Mary Nidhaan,
Jay Jay Jay Hanumaan, Jay Ho Mary Nidhaan..
Hanuman Amritwani Lyrics Song | श्री हनुमान अमृतवाणी | Anuradha Paudwal
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श्री हनुमान अमृतवाणी लिरिक्स (Hanuman Amritwani Lyrics In Hindi), हनुमान जी का भजन, बजरंगबली भजन, Hanuman Ji Ka Bhajan, Bajrangbali Ka Bhajan ! “अमृतवाणी” शब्द दर्शाता है कि भजन अमृत के समान है जो उन लोगों के लिए आध्यात्मिक आनंद और शांति लाता है जो इसे भक्तिपूर्वक पढ़ते या सुनते हैं।
गीत : श्रीहनुमान अमृतवाणी (भाग 2)
- एल्बम: श्री हनुमान अमृतवाणी
- गायिका: अनुराधा पौडवाल
- गीत: बलबीर निर्दोष
- संगीत: सुरिंदर कोहली
- लेबल: टी-सीरीज़ भक्ति सागर
- शैली: भजन
श्री हनुमान अमृतवाणी का महत्व – Benefits of Hanuman Amritwani
हनुमान अमृतवाणी हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति रचना है, जो अपनी शक्ति, भक्ति और वफादारी के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि हनुमान अमृतवाणी का पाठ या श्रवण करने से कई लाभ और आशीर्वाद मिलते हैं। यहां हनुमान अमृतवाणी से जुड़े कुछ संभावित लाभ दिए गए हैं:
- रक्षा और बाधाओं को दूर करना: भगवान हनुमान को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि हनुमान अमृतवाणी उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान करती है । ऐसा माना जाता है कि अमृतवाणी का जाप या श्रवण किसी के मार्ग से, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, जिससे एक सुगम और अधिक सफल यात्रा होती है।
- भक्ति और आध्यात्मिक उत्थान: भगवान हनुमान भगवान राम के प्रति अपनी अटूट भक्ति के लिए पूजनीय हैं। हनुमान अमृतवाणी भगवान हनुमान के साथ अपनी भक्ति और संबंध को गहरा करने के साधन के रूप में कार्य करती है। भक्ति और ईमानदारी के साथ अमृतवाणी का पाठ या श्रवण करने से, व्यक्ति आध्यात्मिक उत्थान, आंतरिक शांति और परमात्मा से निकटता का अनुभव कर सकते हैं।
- शक्ति, साहस और आत्मविश्वास: भगवान हनुमान अपनी असाधारण ताकत, बहादुरी और निडरता के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि हनुमान अमृतवाणी भक्त के भीतर इन गुणों को स्थापित करती है। ऐसा माना जाता है कि अमृतवाणी का नियमित पाठ या श्रवण किसी की आंतरिक शक्ति, साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है, जिससे वे चुनौतियों का सामना करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सक्षम होते हैं।
- बुरी आत्माओं और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा: भगवान हनुमान को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से बचाने वाला माना जाता है। माना जाता है कि हनुमान अमृतवाणी भक्त के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनाती है, जो उन्हें बुरी शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से बचाती है। ऐसा माना जाता है कि यह परिवेश को शुद्ध करता है और एक सकारात्मक और पवित्र वातावरण बनाता है।
- कष्ट-निवारण और कल्याण: ऐसा माना जाता है कि हनुमान अमृतवाणी को पढ़ने या सुनने से शारीरिक और मानसिक कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भगवान हनुमान जीवन शक्ति और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़े हैं। माना जाता है कि अमृतवाणी उपचार को बढ़ावा देती है, बीमारियों से राहत देती है और भक्त को समग्र कल्याण प्रदान करती है।
- विश्वास और समर्पण को बढ़ावा देना: भगवान हनुमान को समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। हनुमान अमृतवाणी दिव्य इच्छा के प्रति समर्पण और अटूट विश्वास रखने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है। भक्ति और समर्पण के साथ अमृतवाणी में लीन होकर, भक्त अपनी आस्था, विश्वास और उच्च शक्ति के प्रति समर्पण को मजबूत कर सकते हैं।
भक्ति, विश्वास और ईमानदारी के साथ हनुमान अमृतवाणी का पाठ या श्रवण करना महत्वपूर्ण है। अमृतवाणी के लाभ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, और सच्चा सार आध्यात्मिक संबंध और भगवान हनुमान की दिव्य ऊर्जा के प्रति समर्पण में निहित है।
FAQs For Hanuman Amritwani Lyrics
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Who is the Singer of Hanuman Amritwani ?
anuman Amritwani Lyrics is sung by Anuradha Paudwal
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Who is the Music Director of Hanuman Amritwani Lyrics?
Hanuman Amritwani Lyrics Song is composed by Surinder Kohli
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Which album is the song Hanuman Amritwani Lyrics from?
Hanuman Amritwani is a hindi song from the album Shri Hanuman Amritwani
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Who is the Lyrics written of Hanuman Amritwani ?
Hanuman Amritwani Lyrics is written by Balbir Nirdosh
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What is the duration of Hanuman Amritwani ?
The duration of the song Hanuman Amritwani is 15:17 minutes