जय शिव शम्भू एक बार रावण ने भगवान शिव से मिलने के लिए लंका से कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान किया। भोलेनाथ की स्तुति जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले और गुणगान करता है। जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। भोलेनाथ की स्तुति में 1008 छंदों की रचना कर डाली, जिसे अब शिव तांडव स्तोत्र के नाम से जाना जाता है।
Jatatavigalajjala pravahapavitasthale Shiv Tandav Lyrics:
TV Show : | Devo Ke Dev Mahadev (2011) |
Music Composer : | Sajan Rajan Mishra |
Genre : | Religious |
Director : | Nikhil Sinha, Manish Singh |
Music Director(s): | Sandeep Mukherjee, Karthik Raja, Bawra Bros, Sajan Mishra, Rajan Mishra |
Cinematography : | Deepak Garg and Amit Malvia |
Original network : | Life OK |
Staring : | Mohit Raina, Pooja Bose, Sonarika Bhadoria, Mouni Roy, Rushiraj Pawar, Kumar Hegde |
Producer : | Anirudh Pathak,Nikhil Sinha |
Release Date : | 18th December 2011 |
Table of Contents
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले – Jatatavigalajjala pravahapavitasthale
Shiv Tandav Stotram Lyrics in Hindi: शिव तांडव स्त्रोतम रावण द्वारा रचित है इसलिए इसे रावण तांडव स्त्रोतम के नाम से भी जाना जाता है। रावण ने इसकी रचना संस्कृत में की है जिसमें श्री भगवान शिव की स्तुति का वर्णन किया गया है।
Sr No. | Serial Name | Song Name |
1 | Radhakrishna all Song lyrics | राधाकृष्ण के सारे गाने |
2 | Ramayan all Song lyrics | रामायण के सारे गाने |
3 | Mahakali – Anth Hi Aarambh Hai all song | महाकाली अंत ही आरंभ हे के सारे गाने |
4 | Devon Ke Dev Mahadev all Song lyrics | देवों के देव महादेव के सारे गाने |
5 | Mahabharat all Song lyrics | महाभारत के सारे गाने |
रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥
धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥
जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।
मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥
सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।
भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥
ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम् ।
सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥
कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥
नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥
प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥
अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥
कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम्॥13॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥
पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥
॥ इति शिव तांडव स्तोत्रं संपूर्णम्॥
शिव तांडव स्त्रोतम : जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले | 𝖲𝗁𝗂𝗏𝖺 𝖳𝖺𝗇𝖽𝖺𝗏𝖺 𝖲𝗍𝗋𝗈𝗍𝗋𝖺𝗆 – 𝖣𝖾𝗏𝗈𝗇 𝖪𝖾 𝖣𝖾𝗏 𝖬𝖺𝗁𝖺𝖽𝖾𝗏
देवों के देव महादेव भगवान शिव पर आधारित एक श्रृंखला है जिसे महादेव के नाम से भी जाना जाता है यह शृंखला 18 दिसंबर 2011 को रिलीज़ हुए थी
- मोहित रैना : शिव, महादेव, महाकाल, नीलकंठ, जलंधर, वीरभद्र के रूप में
- मौनी रॉय : देवी सती, दक्षिणायनी, महादेवी के रूप में
- सोनारिका भदौरिया, पूजा बनर्जी, सुहासी गोराडिया धामी : पार्वती, महादेवी, आदि पराशक्ति, आदि शक्ति, दुर्गा के रूप में
- सौरभ राज जैन : भगवान विष्णु, नारायण, भगवान कृष्ण, राम के रूप में
- दर्शन गुर्जर : युवा कार्तिकेय के रूप में
- अल्पेश ढकन, एहसान भाटिया : विनायक श्री गणेश के रूप में
- राधाकृष्ण दत्ता : भगवान ब्रह्मा और दत्तात्रेय के रूप में
- पूजा कामेश्वर शर्मा और सलीना प्रकाश : सरस्वती के रूप में
- जितेन लालवानी : देवराज इंद्र के रूप में
- कुमार हेगड़े : नंदी के रूप में
- विशाल कोटियन : हनुमानजी के रूप में
ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव जय महाकाल🙏🙏
निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि भगवान् शिव के “जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले ” लिरिक्स वाला यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके |
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